हमीरपुर/न्यूजीलैंड,26 नवंबर(राजदार टाइम्स): भारत के लिए गर्व की बात है कि भारतीय मूल के युवा सांसद डॉ.गौरव शर्मा ने संस्कृत में शपथ लेकर भारतियों को गौरवांवित किया है। आपको बता दें कि लगभग 33 वर्ष के डॉ.गौरव शर्मा मूल रूप से हिमाचल प्रदेश के हमीरपुर के रहने वाले हैं। वह न्यूजीलैंड के हेम्लिटन वेस्ट से लेबर पार्टी के सांसद चुने गए हैं। डॉ.गौरव शर्मा ने सबसे पहले न्यूजीलैंड की स्थानीय भाषा और फिर संस्कृत में शपथ ली। वह न्यूजीलैंड द्मह्म् मौजूदा संसद में पहुंचने वाले सबसे युवा सांसदों में से एक हैं। डॉ.शर्मा ने ऑकलैंड से एमबीबीएस और वाशिंगटन से एमबीए किया है। अभी वे हैमिल्टन के नवाटन में जनरल प्रैक्टिशनर (जीपी) के रूप में कार्यरत हैं। वह पहले न्यूजीलैंड, स्पेन, अमेरिका, नेपाल, वियतनाम, मंगोलिया, स्विट्जरलैंड और भारत में सार्वजनिक स्वास्थ्य, नीति, चिकित्सा और परामर्श में सेवाएं दे चुके हैं। डॉ.गौरव शर्मा ने कहा कि उन्होंने संस्कृत का चयन किया, क्योंकि यह सभी भारतीय भाषाओं से जुड़ी है। सोचा था कि मैं हिमाचल की स्थानीय भाषा पहाड़ी या पंजाबी में शपथ लू, लेकिन फिर संस्कृत को चुना। गौर हो कि डॉ.गौरव शर्मा 2017 में चुनाव हार गए थे। इस बार उन्होंने नेशनल पार्टी के टिम मैकिन्डो को हराया। महीने की शुरुआत में प्रियंका राधाकृष्णन न्यूजीलैंड की पहली भारतीय मूल की मंत्री बनीं है। प्रधानमंत्री जैकिंडा आरडर्न ने पांच नए मंत्रियों को अपनी कार्यकारिणी में शामिल किया था। जिनमें प्रियंका भी एक रहीं। भारत में जन्मीं 41 साल के प्रियंका राधा कृष्णन सिंगापुर में स्कूलिंग की और फिर न्यूजीलैंड जाकर बस गईं।

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